देशभर में गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। घर-घर में विघ्नहर्ता गणेशजी की प्रतिमाएं विराजमान की जा रही हैं और भक्त श्रद्धा भाव से उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में विशेष रौनक
गणेशोत्सव का नाम आते ही सबसे पहले महाराष्ट्र का चित्र मन में उभरता है। यहां दस दिनों तक चलने वाला यह पर्व विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। शहर की गलियों से लेकर बड़े-बड़े पंडालों तक “गणपति बप्पा मोरया” के नारे गूंज रहे हैं।
भगवान गणेश का जन्मोत्सव
गणेश चतुर्थी केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपार श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह दिन बुद्धि, ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि के प्रतीक भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में माना जाता है। इस दौरान भक्तगण मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं को अपने घरों में स्थापित करते हैं और दस दिनों तक विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और उत्सव का आयोजन करते हैं।
एकता और सहयोग का संदेश
गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह पर्व समाज में एकजुट होकर कार्य करने का भी संदेश देता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने प्रार्थना की कि विघ्नहर्ता गणेश सभी की बाधाओं को दूर करें और हर नागरिक विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे सके।
👉 यह पर्व आस्था, एकता और सकारात्मक ऊर्जा का संगम है, जो हमें हर कठिनाई को मिलकर पार करने की प्रेरणा देता है।
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