बीरबल की चतुराई और साले साहब की हार (Birbal Ki Chaturai aur Sale Sahib Ki Haar): बादशाह अकबर के दरबार में बीरबल से ईर्ष्या करने वाले कई लोग थे, जिनमें बादशाह के साले मियाँ भी शामिल थे। वे बार-बार बीरबल से होड़ लगाते थे, लेकिन हर बार हार जाते थे। हालाँकि, बेगम का भाई होने के कारण बादशाह उन्हें कुछ कह नहीं पाते थे। एक बार जब बीरबल दरबार में मौजूद नहीं थे, तो साले साहब ने बादशाह से कहा कि वे दीवान पद के असली दावेदार हैं। बादशाह ने…
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