Vastu Niyam

Vastu Niyam: वास्तु अनुसार लगाएं शमी का पौधा, यहां जानें लगाने की पूरी विधि

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Vastu Tips: शमी बहुत ही पावन पेड़ है। शमी सभी प्रकार के कष्टों व वास्तु दोष को दूर करता है। शमी का पत्ता शिवलिंग पर अर्पित करने से रोगों का नाश होता है। शमी पर जल चढ़ाकर घर से निकलने पर यात्रा शुभ होती है।

आप शमी घर ,बंगले,आफिस या फ्लैट कहीं भी लगा सकते हैं।।वास्तु के अनुसार शमी का पौधा लगाना चाहिए। यहां जानें शमी का पौधा लगाने की पूरी विधि।

शमी पौधा लगाने की विधि (Shami Plant Puja Vidhi)

शमी का पेड़ एकदम साफ सुथरे जगह पर लगाएं। वह ऐसा रखा हो कि जहां शिवलिंग हो। खिड़की या दरवाजे से दृश्य हो। शमी रोग प्रतिरोधक पावर यानी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। नित्य इस पेड़ को स्पर्श करें। घर के बाएं शमी लगाएं।।आंगन के उत्तर पूर्व में इसे लगाएं। फ्लैट में घर के सामने लगाएं। पहले शमी को प्रणाम करें। अब शमी का पत्ता तोड़ें। इसके बाद यह शमी पत्ता भगवान शिव को अर्पित की जाती है।

घर के वास्तुदोष के शमन के लिए शमी ज्यादा बेहतर है
घर से निकलते समय बाएं लगाना ज्यादा बेहतर होता है। इससे घर में सुख व समृद्धि आती है। गृह क्लेश नहीं होता। इस वृक्ष के पास कोई कंटकों वाला पेड़,मिर्च या नींबू का पेड़ मत हो। यह शमी इतनी सौभाग्यशाली फल देती है कि कोई इसका नित्य दर्शन करके ॐ नमः शिवाय महामंत्र का जप कर ले तो कभी दरिद्रता नहीं आ सकती है। इसके सन्निकट जल का पात्र रखें।यह कमरे के अंदर गमले में मत लगाएं।

शमी फ्लैट में अपने घर के सामने वहां रखें जहां धूप व हवा आती हो। बस साउथ डायरेक्शन में मत हो।जिन लोगों का मुख्य दरवाजा साउथ फेस हो वो चाहे तो घर की ईशान दिशा की बालकनी में शमी का पेड़ गमले में रखें।

रविवार को यह पौधा मत लगाएं।

शिवलिंग के पास शमी रखें। शनि दोष के निवारण के लिए शनिवार को शमी पर जल अर्पित करें। शमी का पत्ता शिवलिंग पर चढ़ाने से शनि द्वारा प्रदत्त कष्ट समाप्त होता है।

शमी के एक पेड़ लगाएं
प्रतिदिन प्रातःकाल व सायंकाल गोधूलि बेला में तिल के तेल का दीपक अवश्य जलाएं। प्रातःकाल इसकी पूजा करें। जल दें। वहां बैठकर भगवत नाम का संकीर्तन करें।

यदि आपके मकान में जगह है तो आंगन में या घर के गार्डन में कम से कम 03 पेड़ लगाएं। जब घर में बहुत ज्यादा कष्ट हो तो घर के सामने या आंगन में शमी के कम से कम 08 पेड़ अवश्य लगाएं। घर मे कोई भी कष्ट का आगमन हो तो उन वृक्षों के निकट बैठकर भगवान शिव नाम का जप करें। ऐसा करने से समस्त कष्ट दूर होकर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।

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